दहेज दानव
दहेज दानव
बाबा की वो दुलारी
मां की थी प्यारी
बहन थी वो न्यारी
फिर भी क्यों जान दे दी?
दहेज में दी गाड़ी
सबको महंगी सी साड़ी
गहने कपड़े भी थे भारी
फिर भी क्यों जान ले ली?
बारात के सारे नखरे
खाने के सारे झगड़े
रिश्ते नाते संभाले
फिर भी क्यों जान ले ली?
खेत, खलिहान बेचा
घर का सामान बेचा
अपनी पगड़ी उतारी
फिर भी क्यों जान ले ली?
उसका था एक सपना
हो स्वर्ग सा घर भी अपना
जिसको पूरे मन से संवारी
फिर भी क्यों जान ले ली?
पल रहा था अंदर एक अंश
बढ़ाने को आगे तुम्हारा वंश
उसकी अनसुनी की किलकारी
फिर भी क्यों जान ले ली?
वो नदी थी सहेली
उसकी लहरों से खेली
उसकी बाहों में झूली उम्र सारी
फिर भी क्यों जान ले ली?
मैं तो समझा था मानव
तुम तो निकले सब ही दानव
एक जीवन था सस्ता, चन्द रुपए थे भारी
फिर भी क्यों जान ले ली?
मैं ही शायद गलत था
तुमको न पहचान पाया
अपनी गुड़िया को दे दी सजा मैंने भारी
फिर भी क्यों जान ले ली????
आभार - नवीन पहल ०९.०२.२०२३
आपके अमूल्य विचारों का इंतज़ार रहेगा 🙏🙏😀🌹
# प्रतियोगिता हेतु
Mahendra Bhatt
12-Feb-2023 12:32 PM
शानदार
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Renu
10-Feb-2023 05:45 PM
👍👍🌺
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Abhinav ji
10-Feb-2023 09:24 AM
Very nice 👌
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